अन्नदाता आखिर कब तक केवल मतदाता बना रहेगा

अब किसान जागा है तो पूरा जागे इस बात समझे कि भले ही अपनी फसल वो एक या दो रुपए में बेचने को विवश है लेकिन इस देश का आम आदमी उसके दाम एक दो रूपए नहीं कहीं ज्यादा चुकाता है तो यह सस्ता अनाज किसकी झोलियाँ भर रहा है? किसान इस बात को समझे … Continue reading अन्नदाता आखिर कब तक केवल मतदाता बना रहेगा